प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: नरेंद्र मोदी सरकारने गरीब वर्ग के लिए काफी योजनाएं शुरू की है, ऐसा ही एक प्रोजेक्ट है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना. जह योजना पिछले साल 17 सितंबर को शुरू हुई थी, यह प्रोजेक्ट को चलते एक साल पूरा हो गया है. इस योजना के तहत लाभार्थियों को कम ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा.
इस योजना से किस व्यवसाय को फायदा मिलता है
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य अपने हाथो और औजारों का उपयोग कर काम करने वाले शिल्पकार, कारागिर, कामगार इन लोगों को सहायता करना है. इस योजना में 18 व्यवसाय शामिल है. हथियार निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, गुड़िया और खिलौना निर्माता, धोबी, दर्जी, सोनार, कुम्हांर, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला, बढ़ई, नाव निर्माता इन जैसे व्यवसाय शामिल है. ऐसे व्यवसाय करने वाले नागरिकों को इस योजना का लाभ मिलता है.
योजना के फायदे
विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों की पहचान प्रमाण पत्र और पहचान पत्र के माध्यम से की जाएगी. इसके अलावा कौशल विकास का काम किया जायेगा, वही 5 से 7 दिन की बेसिक ट्रेनिंग और 15 दिन या उससे अधिक की एडवांस ट्रेनिंग के लिए 500 रुपये प्रतिदिन का भत्ता दिया जाएगा. इसी प्रकार बेसिक व्यावसायिक प्रशिक्षण की शुरुआत में इ वाउचर के रूप में 15,000 रुपये का वर्क बॉक्स प्रदान किया जाएगा.
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लोन राशी
विश्वकर्मा योजना के तहत 3 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी गारंटी के क्रमशः 18 महीने और 30 महीने के लिए 1 लाख रुपये और 2 लाख रुपये की दो किस्तों में प्रदान किया जाएगा. भारत सरकार यह ऋण 8 प्रतिशत की छूट के साथ 5 प्रतिशत की निश्चित ब्याज दर पर उपलब्ध कराएगी.
योजना के फायदे
जिन लाभार्थियों ने बुनियादी प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, वे 1 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता की पहली किस्त के पात्र होंगे. ऋण का दूसरा भाग उन लाभार्थियों के लिए उपलब्ध होगा जो पहली किश्त से लाभान्वित हुए हैं, एक मानक ऋण खाता बनाए रखते हैं और अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन अपनाते हैं या प्रशिक्षण सुधार प्राप्त करते है.