श्वेत क्रांति 2.0: इस परियोजना में जिले में एक लाख मौजूदा सहकारी समितियों, जिला बहुउद्देशीय सहकारी समितियों और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (एम-पैक्स) की स्थापना और उन्हें मजबूत करने की प्रक्रिया शामिल है.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह आज गुरुवार को डेयरी क्षेत्र में सुधार के लिए ‘श्वेत क्रांति 2.0’ समेत तीन महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत करने वाले है. श्वेत क्रांति 2.0 के अलावा दो अन्य पहलों में डेयरी किसानों को और रुपे-किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण का समावेश है, जिसका उद्देश्य उनकी वित्तीय पहुंच बढावा देना है.
श्वेत क्रांति 2.0 का मुख्य लक्ष्य अगले पांच वर्षों में डेयरी श्रमिकों द्वारा दूध की खरीद को 50 प्रतिशत तक बढ़ाना है. सहकारिता मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ”हमारा उद्देश्य उन गांवों और पंचायतों में दूध उत्पादकों को अवसर प्रदान करना है जहां दूध नहीं खरीदा जाता है, जिससे संगठित क्षेत्र और दूध की खरीद में हिस्सेदारी बढ सके.
सहकारी समिति मजबूत होगी
इस परियोजना में जिले में एक लाख सहकारी समितियों, जिला बहुउद्देशीय सहकारी समितियों और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (एम-पैक्स) की स्थापना और उनका सुदृढ़ीकरण शामिल है. इन समितीयों को दुग्ध मार्ग से जोड़ा जाएगा, जहां आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे. इस क्रांति के शूरुवात में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) अपने स्वयं के संसाधनों से 40,000 रुपये प्रति एम-पैक पर 1,000 एम-पैक प्रदान करके इस योजना का समर्थन करेगा. साथ ही राष्ट्रीय डेयरी क्षेत्र विकास कार्यक्रम 2.0 के तहत भविष्य में वित्त पोषण की उम्मीद की जाएगी.
ब्याज मुक्त लोन मिलेगा
सहकारी समितिया के बीच का सहयोग ,रुपे-किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से डेयरी किसानों को ब्याज मुक्त लोन का लाभ दिया जाएगा. अधिकारी ने कहा इससे किसानों को बचत होगी और किसान बहुत सारा पैसा जमा कर पाएंगे. जो वर्तमान में 24 प्रतिशत की ब्याज दर पर पैसा प्राप्त कर रहे है. इसके अलावा डेयरी सहकारी समितियों को माइक्रो एटीएम वितरित किए जाएंगे, जिससे वे स्थानीय ओन-समर्थक बैंकों के साथ बैंकिंग संबंध स्थापित कर सकेंगी.
इस कदम का उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं को किसानों के दरवाजे तक पहुंचाना और क्षेत्र में वित्तीय सहायता बनाए रखना है. मंत्रालय की 67,930 कंप्यूटरों को “PACS” बनाने की भी योजना है, जिससे लगभग 13 मिलियन लोगों को लाभ होगा. अगले पांच वर्षों में ग्राम पंचायतों में एक लाख नये बहुउद्देश्यीय पैक्स, डेयरी और मत्स्य पालन स्थापित करने की कार्य योजना तैयार की गई है.
यह योजनाएं डेयरी क्षेत्र को विकसित करने और घरेलू मांग को पूरा करने के लिए दूध उत्पादन बढ़ाने और निर्यात क्षमता का दोहन करने की व्यापक योजना का हिस्सा बन चूका है. सरकार ने फसलों की खरीद और इथेनॉल उत्पादन के लिए मक्का संकर के विकास सहित संबंधित परियोजनाओं के लिए विभिन्न संगठनों के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए है.