शिक्षा ऋण योजना: हिमाचल प्रदेश सरकार व्दारा अनूसुचित जाती और अनूसुचित जनजाति के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा हेतु ब्याज मुक्त और सस्ते दर के साथ ऋण सुविधा उपलब्ध की जाती है. हाल ही में अनूसुचित जाती और अनूसुचित जनजाति विकास निगम के जिला प्रबंधक सौरभ शर्मा ने बताया कि अनूसुचित जाती और अनूसुचित जनजाति के छात्रों को दसवीं और बारानी उत्तीर्ण होने पर उच्च शिक्षा हेतु शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत ₹75 हजार तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा. इसके साथ ही ₹75 हजार से 1 लाख 50 हजार रूपये तक का ऋण 4 प्रतिशत वार्षिक दर पर उपलब्ध करा दिया जाता है.
इन कोर्सेस के लिए मिलेगा ऋण
हिमाचल प्रदेश के जिला प्रबंधक सौरभ शर्मा ने बताया कि केवल वही छात्र जिनके परिवार का वार्षिक आय 1 लाख से अधिक नहीं है, उन्हें ही इस योजना का लाभ मिल सकता है. इस योजना के अन्तर्गत JBT, MBBS, इंजीनियरिंग, होटल प्रबंधन, MBA, एमएससी नर्सिंग, जीएनएम, बीएड आदि डिप्लोमा तथा डिग्री कोर्सेस के लिए लाभ मिलेगा. छात्रों को यह लोन कोर्स पूरा होने के 2 साल बाद या नौकरी लगने पर इनमें से जो भी पहले हो तब शुरू करना पड़ता है.
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मिलेगा ₹10 लाख का लोन
सौरभ शर्मा, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के सौजन्य अंतर्गत भी शिक्षा लोन योजना चलाई जाती है. इस योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपए तक के लोन उपलब्ध कराए जाते है. यह लोन उन छात्रों को दिया जाता है जिनके परिवार का वार्षिक आय ₹3 लाख से भी कम हो. लेकिन इस लोन पर सालाना 5 प्रतिशत ब्याज दर लगता है, इसमें महिला छात्रों के लिए ब्याज में एक प्रतिशत छूट दी जाती है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के जो भी इच्छुक पात्र विद्यार्थी ‘शिक्षा ऋण योजना’ का लाभ उठाना चाहते हैं, वह जिला प्रबंधक हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विकास निगम कांगड़ा में स्थित धर्मशाला के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकते है.