Successful Business Idea: आज की नौजवानों में बहुत से लोग कुछ बड़ा करना चाहते हैं, लेकिन कुछ ही लोग अपने सपनों को सच्चाई में बदल पाते है. ऐसी ही एक बेहतरीन कहानी तीन दोस्तों की है, जिन्होंने 6 साल में एक ऐसा बिजनेस खड़ा किया जिसकी वैल्यू आज 600 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है.
यह कहानी है अनिरुद्ध शर्मा, राहुल रावत और तनवीर अहमद की, जिन्होंने अपनी सोच और मेहनत से “दिगंतारा” नामक स्टार्टअप की शुरुआत की और उसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया.
Successful Business Idea
साल 2018 में जब अनिरुद्ध शर्मा, राहुल रावत और तनवीर अहमद अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, तब उन्होंने अपनी कॉलेज फीस बचाकर अपने स्टार्टअप का सपना देखा. तीनों दोस्तों का सपना था कि वे भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में कुछ नया और खास करे.
उन्होंने देखा कि अंतरिक्ष में मलबे की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे उपग्रहों और अंतरिक्ष मिशनों को नुकसान हो सकता है. इस समस्या को हल करने का सपना लेकर, उन्होंने अपना स्टार्टअप “दिगंतारा” शुरू किया.
क्या करता है इनका 600 करोड़ का बिजनेस?
“दिगंतारा” एक ऐसा स्टार्टअप है जो अंतरिक्ष में मौजूद मलबे को ट्रैक और मैनेज करता है. इसके जरिए हम छोटे से छोटे अंतरिक्ष मलबे को सही तरीके से पहचान सकते है.
यह तकनीक उन उपग्रहों और मिशनों के लिए बहुत जरूरी है जो अंतरिक्ष में काम कर रहे है. दिगंतारा का मकसद सिर्फ अंतरिक्ष में सुरक्षा बढ़ाना नहीं है, बल्कि यह भी निश्चित करना है कि भविष्य के मिशन आसानी से और बिना किसी रुकावट के चल सके.
कैसे काम करती है तकनीक?
दिगंतारा की टीम ने एक ऐसा सैटेलाइट सिस्टम तैयार किया है जो अंतरिक्ष में छोटे से छोटे मलबे को ट्रैक कर सकता है. इसके लिए उन्होंने “स्पेस-बेस्ड सैटेलाइट्स” का एक समूह बनाया है, जो लगातार अंतरिक्ष में मलबे की स्थिति और उनके रास्ते की नजर रखता है. इस तकनीक से हम किसी भी संभावित टकराव को पहले ही पहचान सकते हैं और उसके लिए जरूरी कदम उठा सकते है.
इस तरह से किया ज्यादा पैसे का इंतजाम
दिगंतारा के सफर के शुरुआती दिनों में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इन तीनों ने अपनी पढ़ाई के दौरान ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया और शुरुआत में निवेशकों को अपनी योजना समझाने में कठिनाई आई.
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. धीरे-धीरे उनका काम और तकनीक निवेशकों को प्रभावित करने लगी. आज दिगंतारा को कई बड़े निवेशकों का समर्थन मिल रहा है. इन निवेशों की मदद से कंपनी ने अपना विस्तार किया और नई-नई तकनीकों का विकास किया.
कंपनी को कई महत्वपूर्ण फंडिंग राउंड्स मिले, जिसने दिगंतारा को मजबूत किया. साथ ही सरकार ने भी अंतरिक्ष क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उनका सहयोग किया. आज दिगंतारा की वैल्यू 600 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो चुकी है, जो यह दिखाता है कि उनका सपना कितना बड़ा था और उन्होंने उसे कितनी मेहनत से पूरा किया.
अंतरिक्ष में मलबे की समस्या को बनाया बिजनेस
अंतरिक्ष में मलबे की समस्या आज बड़ी चुनौती बन चुकी है. छोटे और बड़े मिशनों और उपग्रहों के कारण अंतरिक्ष में कचरा जमा हो रहा है, जो नए मिशनों के लिए खतरनाक हो सकता है. दिगंतारा ने इस समस्या का हल निकालते हुए एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है जो अंतरिक्ष में मलबे की स्थिति को ट्रैक करता है.
इससे अंतरिक्ष मिशनों की सुरक्षा निश्चित होती है और नए मिशनों के लिए बेहतर वातावरण तैयार होता है. दिगंतारा का उद्देश्य भविष्य में एक ऐसा सिस्टम बनाना है जो मलबे को न केवल ट्रैक करे, बल्कि उसे पूरी तरह खत्म भी कर सके.