भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 0.50% की कटौती की है, जिससे यह 6.5% से घटकर 6% हो गया है। इस निर्णय का सीधा असर होम लोन की ब्याज दरों पर पड़ता है, क्योंकि अधिकांश बैंक अपनी ब्याज दरें रेपो रेट के आधार पर तय करते हैं। रेपो रेट में कमी से होम लोन की ब्याज दरें घटेंगी, जिससे आपकी मासिक किस्तें (EMI) कम होंगी।
EMI में संभावित बचत का गणित
मान लीजिए आपने ₹30 लाख का होम लोन 20 वर्षों के लिए लिया है, जिसकी ब्याज दर 8.5% है। इस स्थिति में आपकी मासिक EMI लगभग ₹26,035 होगी। अब, रेपो रेट में 0.50% की कटौती के बाद, यदि बैंक पूरी कटौती का लाभ आपको देते हैं और ब्याज दर 8% हो जाती है, तो आपकी नई EMI लगभग ₹25,093 होगी। इस प्रकार, आपकी मासिक बचत ₹942 होगी, जो वार्षिक रूप से ₹11,304 और 20 वर्षों में कुल ₹2,26,080 की बचत होगी।
होम लोन उधारकर्ताओं के लिए लाभ
RBI के इस निर्णय से नए और मौजूदा दोनों होम लोन उधारकर्ताओं को लाभ होगा। नए उधारकर्ताओं के लिए, कम ब्याज दरों पर लोन लेना अधिक सुलभ होगा, जिससे घर खरीदने का सपना पूरा करना आसान होगा। मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए, ब्याज दरों में कमी से EMI में कमी आएगी, जिससे मासिक बजट पर बोझ कम होगा।
अपने बैंक से संपर्क करें
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपको ब्याज दर में कटौती का पूरा लाभ मिल रहा है, अपने बैंक से संपर्क करें। कुछ बैंक रेपो रेट में कमी का पूरा लाभ तुरंत नहीं देते हैं, इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपकी ब्याज दरें कब और कितनी घटेंगी।
भविष्य की योजनाओं पर विचार करें
ब्याज दरों में कमी से आपकी EMI कम होगी, जिससे आप अपनी बचत को अन्य निवेशों में लगा सकते हैं या अपने लोन का कार्यकाल कम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप अपनी मासिक बचत को अपने लोन के प्रिंसिपल में प्री-पेमेंट के रूप में उपयोग करते हैं, तो आप अपने लोन का कार्यकाल कम कर सकते हैं और कुल ब्याज भुगतान में और भी अधिक बचत कर सकते हैं।
नोट: ब्याज दरों में परिवर्तन विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, और प्रत्येक बैंक की अपनी नीति होती है। इसलिए, सटीक जानकारी के लिए अपने बैंक से परामर्श करें।