प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक नई योजना पीएम विद्यालक्ष्मी को मंजूरी दी है. इस योजना का उद्देश्य मेधावी छात्रों को आर्थिक मदद देना है ताकि पैसे की कमी के कारण कोई भी छात्र उच्च शिक्षा से वंचित न रह जाए.
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का एक अहम हिस्सा है. इसमें सुझाव दिया गया था कि सभी सरकारी और निजी कॉलेजों में मेधावी छात्रों को अलग-अलग तरीकों से वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए.
पीएम विद्यालक्ष्मी स्कीम 2024
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत, जो भी छात्र किसी अच्छे उच्च शिक्षा संस्थान (QHEI) में दाखिला लेता है, उसे ट्यूशन फीस और कोर्स से जुड़े अन्य खर्चों के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बिना किसी गारंटर और जमानत के लोन मिल सकेगा. यह योजना एक आसान, साफ-सुथरी और छात्र-हितैषी प्रणाली के जरिए चलाई जाएगी, जो पूरी तरह डिजिटल होगी.
क्या यह योजना लागू होगी?
यह योजना देश के सबसे अच्छे उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू होगी, जिन्हें NIRF रैंकिंग के आधार पर चुना जाएगा. इस सूची को हर साल नई NIRF रैंकिंग के अनुसार अपडेट किया जाएगा. शुरुआत में इसमें 860 योग्य संस्थान शामिल होंगे. इसमें 22 लाख से अधिक छात्र, अगर वे चाहें, तो पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना का लाभ उठा सकेंगे.
ब्याज सबवेंशन की व्यवस्था
अगर छात्र 7.5 लाख रुपये तक का कर्ज लेते हैं, तो वे बकाया डिफॉल्ट के 75% क्रेडिट गारंटी के लिए पात्र होंगे. इससे बैंकों को छात्रों को शिक्षा लोन देने में मदद मिलेगी. इसके अलावा जिन छात्रों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है और जो अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज सबवेंशन योजनाओं का लाभ नहीं उठा सकते, उन्हें लोन पर 3% ब्याज सबवेंशन मिलेगा. यह सबवेंशन 10 लाख रुपये तक के लोन के लिए होगा, और यह छात्रों को लोन की अधिस्थगन अवधि के दौरान मिलेगा. हर साल एक लाख छात्रों को इस सहायता का लाभ मिलेगा, और उन छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जो सरकारी संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं और जिन्होंने तकनीकी या पेशेवर कोर्स चुना है.
साल 2024-25 से 2030-31 के बीच इस योजना के लिए 3,600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस समय में लगभग 7 लाख नए छात्रों को ब्याज सबवेंशन का लाभ मिलने की उम्मीद है.
कैसे मिलेगा एजुकेशन लोन?
उच्च शिक्षा विभाग एक पोर्टल ‘पीएम-विद्यालक्ष्मी’ बनाएगा, जहां छात्र सभी बैंकों के सरल आवेदन प्रक्रिया के जरिए एजुकेशन लोन और ब्याज सबवेंशन के लिए आवेदन कर सकते है. ब्याज सबवेंशन का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वॉलेट के जरिए किया जाएगा.
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना भारत सरकार की पिछले एक दशक में की गई पहलों को और बढ़ावा देगी, ताकि युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा मिल सके. यह योजना उच्च शिक्षा विभाग की पीएम-यूएसपी योजना के दो हिस्सों – केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी (सीएसआईएस) और शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (सीजीएफएसईएल) – को सपोर्ट करेगी.
पीएम-यूएसपी के तहत, जिन छात्रों की वार्षिक पारिवारिक आय 4.5 लाख रुपये तक है और जो तकनीकी/पेशेवर पाठ्यक्रम कर रहे हैं, उन्हें 10 लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन पर पूरी ब्याज सबवेंशन मिलती है. इस तरह पीएम विद्यालक्ष्मी और पीएम-यूएसपी मिलकर सभी योग्य छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए पूरी मदद देंगे.
एफसीआई के लिए 10,700 करोड़
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को कार्यशील पूंजी के रूप में 10,700 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी है. यह कदम कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और देशभर के किसानों की भलाई निश्चित करने के लिए उठाया गया है.