पेटीएम को मिला दिवाली गिफ्ट 9 महीने के बाद हटा बैन अब जुड़ सकेंगे नए यूपीआई यूजर्स

पेटीएम को 9 महीना के बाद लंबी राहत मिली है और आखिरकार उनको अपने साथ नए यूजर्स को जोड़ने की परमिशन भी मिल गई है।

पेटीएम ब्रांड को चलाने वाली इसकी पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन लिमिटेड को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया की तरफ से यह मंजूरी मिल गई है कि यह अपने प्लेटफार्म पर नई यूपीआई यूजर्स को जोड़ सकती है।

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ध्यान रहे कि करीब 9 महीने पहले पेटीएम पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नई यूपीआई यूजर्स को जोड़ने की पाबंदी लगाई थी और जिसके चलते कंपनी को बड़ा झटका लगा था। Paytm got Diwali gift

पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा को लिखा गया पत्र

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया यानी एनपीसीआई ने कंपनी के फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर विजय शेखर शर्मा को पत्र लिखा है। इस पत्र में एनपीसीआई के दिलीप एस्बे ने लिखा है कि, कंपनी को नए कस्टमर अपने साथ जुड़ने की परमिशन की दी गई है।

यह परमिशन कुछ शर्तों से अधीन रहेगी और एनपीसीआई की आधिकारिक गाइडलाइंस और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर के एग्रीमेंट के अंतर्गत पालन करने के साथ दी जा रही है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने 9 महीना तक पेटीएम के पद्दर्शन की समीक्षा के बाद यह परमिशन दी गई है।

पेटीएम के लिए दीपावली गिफ्ट Paytm got Diwali gift

पेटीएम को परमिशन मिलने के बाद बुधवार को कंपनी के शेयर में जबरदस्त तेजी आई थी। अब यह घटना पेटीएम के लिए किसी दिवाली गिफ्ट से कम नहीं है।

बुधवार को बीएससी पर इसका सेल 8.40% बढ़कर 745 के भाव पर बंद हुआ। एनएससी पर कंपनी का शेयर भाव 7.53% बढ़कर 738.20 रुपए के भाव पर पहुंच गया। इस तरह कंपनी का बाजार मूल्यांकन 3680.36 करोड़ से बढ़कर 47436.58 करोड़ रूपया हो गया।

क्यों लगा था पेटीएम पर बैन?

इसी साल की शुरुआत में यानी जनवरी में रिजर्व बैंक ने पेटीएम के नए यूपीआई यूजर्स को जोड़ने के लिए बैन लगाया था। रिजर्व बैंक में कुछ परिचालन दिशा निर्देशों का पालन न करने का हवाला देते हुए आरोप लगाया था।

रिजल्ट बैंक के मुताबिक पेटीएम जोखिम संबंधी प्रक्रियाओं का मैनेजमेंट और डाटा प्रोटक्शन रेगुलेशन का सही पालन नहीं कर रहा था। इसीलिए पेटीएम पर बैन लगाया गया था।

कंपनी पर आ गई थी मुसीबत

रिजर्व बैंक के इस बैन के बाद कंपनी काफी समस्या में आ गई थी। इसका सेल पहले से घाटे में चल रहा था। रिजर्व बैंक के फैसले से कंपनी की मुश्किल और भी बढ़ गई थी। बैन लगने के बाद कंपनी ने बैन के कारण को ध्यान में रखकर इस पर काम किया और सभी जरूरी चीजों का पालन करना पड़ा।

इस बैन के बाद कंपनी के यूजर्स में कमी आई थी। बैन पहले पेटीएम के पास यूपीआई पेमेंट का 13% हिस्सा था क्योंकि कंपनी नई यूजर्स नहीं जुड़ पा रही थी। बैंक की खबर आने के बाद जो यूजर्स कम होने लगे।

यूजर्स की संख्या मात्र 8% ही रह गई। इस दौरान फोनपे और गूगल पर यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई। भारत में होने वाले यूपीआई ट्रांजैक्शन का करीब 87% इन्हीं दोनों कंपनियों के प्लेटफार्म पर से होता है।

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