गेहूं के भाव : भारत में त्यौहार कि सीजन शुरू होने वाला है। अक्टूबर और नवंबर में दशहरा और दीपावली समेत कई सारे त्यौहार आने वाले हैं। ऐसे में देश के आम आदमी को बड़ा झटका लगने की खबर सामने आई है। देश में त्यौहार कि सीजन आने पर लोग जमकर खरीदारी करते हैं। त्यौहार का सिजन शुरू होते ही गेहूं की खपत बढ़ जाती है। जिससे रेट हाई पर हो जाता है। gehu ke bhav today
अभी दीपावली का त्यौहार आने वाले है। लेकिन इससे पहले ही गेहूं के दाम बहुत बढ़ गया है। अभी शादी का सीजन तो बाकी है। उस समय गेहूं के दामों में आग लगेगी। यह सातवें आसमान पर चल गए होँगे। सरकार की ओर से भी गेहूं के दामों पर काबू पाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाई गए हैं। ऐसे में और बढ़ेंगे गेहूं के भाव।
जानते हैं गेहूं के ताजा भाव की स्थिति
लगातार बढ़ते जा रहे गेहूं के दामों से खासकर व्यापारियों को गणित उलझता हुआ दिखाई दे रहा है क्योंकि जिन किसानों ने गेहूं को स्टॉक करने का था उनका गेहूं उनसे ज्यादा दामों पर खरीदना पड़ रहा है और किसानों को तो मुनाफा है। लेकिन बाजार पर गेहूं का दबाव बढ़ गया है। दिल्ली में तो अभी से प्रति क्विंटल गेहूं में करीब ₹200 की तेजी आई हुई है।
त्योहार सीजन में और बढ़ सकते हैं गेहूं के भाव
दिवाली कि सीजन में गेहूं के दामों में बढ़त आने की संभावना है। इसका कारण यह है की, लागत दिवाली सीजन में बढ़ जाती है। इसे गेहूं की मांग भी बढ़ जाती है। इससे बाजार पर गेहूं के दाम होने के दबाव रहता है वह रेट भी बढ़ता है। दिल्ली फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के अधिकारी द्वारा बताया गया है कि बाजार में किसान द्वारा गेहूं नहीं बेचने आते और सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो दीपावली तक गेहूं के दाम 3300 हजार प्रति क्विंटल को पार कर सकते हैं। इतना ही नहीं आगे की सीजन आ रही है। तो गेहूं 4000 रुपए का क्विंटल को भी पार कर सकता है। या तो स्टॉक रखने वाले किसान गेहूं बेचते है। या सरकार को या MSSG के जरिए गेहूं बाजार में उतारे तभी गेहूं के दाम नियंत्रित हो सकता है।
किसानों को हो सकता है दोहरा लाभ gehu ke bhav today
अभी की सीजन में गेहूं के रेट सातमें आसमान पर है। आने वाले समय में इनके दाम और भी बढ़ सकते है। गेहूं को स्टॉक करके रखने वाले किसान इस समय ज्यादा दामों पर गेहूं बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। जिन्होंने अभी तक गेहूं नहीं बचा है वे किसान आगामी समय को देखते हुए भी गेहूं बेचने का नहीं है। तो इसके साथ यह भी संभावना है कि, सरकार MSSG के जरिए गेहूं बाजार में उतार देती है। तो इसके बाद किसानों को ज्यादा फायदा नहीं मिल सकेगा। क्योंकि इससे लंबे समय तक गेहूं के दाम नियंत्रित होंगे और फिर अगली फसल की आवक का समय आने वाला है। तब गेहूं का भाव और भी नीचे जा सकता है। इसके बाद दाम कम हो सकते हैं। अभी सरकार के पास गेहूं का सरकारी स्टॉक बचा हुआ है।
सरकार के पास इतना है गेहूं का स्टॉक gehu ke bhav today
1 अप्रैल 2023 तक सरकार के पास गेहूं का स्टॉक लगभग 75 लाख मैट्रिक टन गेहूं था। इस बफर स्टॉक से थोड़ा ज्यादा कहा जा सकता है। इसके अलावा सरकार द्वारा इसी साल खरीदी गए गेहूं का आंकड़ा 267 लाख मैट्रिक टन था। इस तरह सरकार के पास 340 लाख मैट्रिक टन गेहूं का स्टॉक है। सरकारी खरीद खत्म होने के बाद तक था। इसमें से सरकारी राशन भी बांटना है। जिसमें 150 लाख मैट्रिक टन गेहूं कट जाएगा। इसके बाद सरकारी के पास 155 लाख मैट्रिक टन गेहूं का स्टॉक बचता है। नई फसल की आवक में लगेगा लंबा समय अभी किसानों ने गेहूं की फसल बोनी भी शुरू नहीं की है। अगले साल में गेहूं की नई आवक होगी यानी तब अप्रैल तक 75 लाख मैट्रिक टन गेहूं बफर स्टॉक के लिए होना जरूरी है। नई गेहूं की आवक में अभी बहोत समय बाकी है। हालांकि, सरकार के पास गेहूं का स्टॉक संतोषजनक है। ऐसे में सरकार कि और से बाजारमे गेहूं उतरना मुश्किल लगता है।