खुशखबर! कोंट्रैक्ट कर्मचारियों का किया जायेगा स्थायीकरण, इन राज्यों से हुई शुरुवात Contract Employees Regularization 2024, जाने पूरी जानकारी

Contract Employees Regularization 2024: 2024 में कई राज्य सरकारों ने कोंट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला किया है. इन राज्यों में कोंट्रैक्ट कर्मचारियों को स्थायी करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इससे लाखों कर्मचारियों को फायदा मिलेगा और उनकी नौकरी स्थायी हो जाएगी. कोंट्रैक्ट कर्मचारी लंबे समय से स्थायी होने की मांग कर रहे थे, जो अब पूरी होती दिख रही है.

इस फैसले से कोंट्रैक्ट कर्मचारियों को कई फायदे मिलेंगे. उन्हें नियमित वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं मिलेंगी. साथ ही उनकी नौकरी भी सुरक्षित होगी. इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और वे बेहतर तरीके से काम कर सकेंगे. राज्य सरकारों का यह फैसला कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

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कोंट्रैक्ट कर्मचारियों का स्थायीकरण क्या है?

कोंट्रैक्ट कर्मचारियों का स्थायीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अस्थायी या कोंट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी नौकरी दी जाती है. इसमें उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलता है. इसके बाद वे नियमित कर्मचारियों की तरह सभी सुविधाएं और लाभ पा सकते है.

इस प्रक्रिया में कुछ शर्तें होती है, जैसे कर्मचारी को कुछ समय तक कोंट्रैक्ट पर काम करना जरूरी होता है और उसका काम अच्छा होना चाहिए. कुछ राज्यों में इसके लिए परीक्षा या इंटरव्यू भी होता है. जो कर्मचारी इन शर्तों को पूरा करते हैं, उन्हें ही स्थायी किया जाता है.

हरियाणा में कोंट्रैक्ट कर्मचारियों का स्थायीकरण

हरियाणा सरकार ने कोंट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए एक बड़ी घोषणा कि है. सरकार ने लगभग 1.20 लाख कोंट्रैक्ट कर्मचारियों को स्थायी करने का फैसला लिया है. इसके लिए सरकार ने हरियाणा कोंट्रैक्ट कर्मचारी (सेवा सुरक्षा) अध्यादेश, 2024 लागू किया है.

इस अध्यादेश के अनुसार

  • 15 अगस्त 2024 तक 5 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारी इसके पात्र होंगे.
  • पात्र कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति तक नौकरी की गारंटी दी जाएगी.
  • कर्मचारियों को उनके पद के अनुसार बेसिक सैलरी मिलेगी.
  • हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को महंगाई भत्ते के आधार पर वेतन बढ़ेगा.-
  • एक साल की सेवा पूरी होने पर सालाना वेतन वृद्धि दी जाएगी.
  • कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और मैटरनिटी लीव जैसे लाभ भी दिए जाएंगे.
  • यह फैसला HKRN और आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 और पार्ट-2 के तहत काम करने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा.
  • हालांकि, 50,000 रुपये से ज्यादा वेतन पाने वाले कर्मचारियों को इसमें शामिल नहीं किया गया है.

पश्चिम बंगाल में अस्थायी कर्मचारियों का नियमितीकरण

पश्चिम बंगाल सरकार ने अस्थायी और कोंट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण का आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत 10 साल से अधिक समय से काम कर रहे कर्मचारियों को फायदा मिलेगा.

इस आदेश की मुख्य बातें इस प्रकार है.

  • 1 अगस्त 2011 तक 10 साल की लगातार सेवा और हर साल कम से कम 240 दिन काम करने वाले कर्मचारी पात्र होंगे.
  • पात्र कर्मचारियों को 60 साल की उम्र तक नौकरी मिलेगी.
  • ग्रुप D के कर्मचारियों को 6600 रुपये और ग्रुप C के कर्मचारियों को उनके पद के अनुसार कम से कम वेतन मिलेगा.
  • हर 3 साल में 5% वेतन वृद्धि की जाएगी.
  • कर्मचारियों को साल में 30 दिन की छुट्टी मिलेगी.
  • महिला कर्मचारियों को 180 दिन का मैटरनिटी लीव मिलेगा.
  • 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति पर 1 लाख रुपये का एकमुश्त लाभ दिया जाएगा.
  • जिन कर्मचारियों की सेवा 10 साल से कम है, उन्हें भी कुछ लाभ दिए जाएंगे और कम से कम 5000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा.

मिजोरम में लंबे समय से काम कर रहे कोंट्रैक्ट कर्मचारियों का नियमितीकरण

मिजोरम सरकार ने लंबे समय से काम कर रहे कोंट्रैक्ट और अस्थायी कर्मचारियों के नियमितीकरण का फैसला किया है. इसके लिए सरकार ने एक बार की छूट दी है.

इस फैसले की मुख्य बातें:

  • यह छूट उन कर्मचारियों के लिए जो लंबे समय से काम कर रहे हैं, लेकिन नियमित कोटा खत्म होने के कारण नियमित नहीं हो पाए.
  • इससे कई कोंट्रैक्ट और अस्थायी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.
  • नियमितीकरण के बाद इन कर्मचारियों को सभी सरकारी लाभ मिलेंगे.
  • इससे कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित होगी और उनका मनोबल भी बढ़ेगा.
  • यह फैसला मिजोरम के कई विभागों में काम कर रहे कोंट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, और इससे उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने नियमित और स्थायी प्रकृति के काम में लगे कर्मचारियों के नियमितीकरण को मान्यता दी

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कोल इंडिया की एक सहायक कंपनी में उन कर्मचारियों के नियमितीकरण को मान्यता दी है, जो नियमित और स्थायी काम में लगे थे. यह फैसला कोंट्रैक्ट कर्मचारियों के अधिकारों के लिए एक बड़ी जीत है.

फैसले की महत्वपूर्ण बातें:

  • नियमित और स्थायी काम में लगे कर्मचारियों को कोंट्रैक्ट पर नहीं रखा जा सकता. ऐसे कर्मचारियों को नियमितीकरण का अधिकार है.
  • कोर्ट ने 13 कर्मचारियों के नियमितीकरण के औद्योगिक न्यायाधिकरण के फैसले को सही बताया.
  • कोर्ट ने कहा कि इन कर्मचारियों का काम नियमित और स्थायी था.
  • कर्मचारियों को 23 मई 2002 से बकाया वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया गया.
  • यह फैसला कोंट्रैक्ट कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा और उन्हें नियमित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

कोंट्रैक्ट कर्मचारियों के स्थायीकरण के फायदे

कोंट्रैक्ट कर्मचारियों के स्थायी होने से कई फायदे मिलते हैं:

  • नौकरी की सुरक्षा: स्थायी बनने के बाद कर्मचारियों को नौकरी से निकाला नहीं जाएगा. उन्हें सेवानिवृत्ति तक नौकरी की गारंटी मिलेगी.
  • नियमित वेतन: कर्मचारियों को हर महीने समय पर वेतन मिलेगा और समय-समय पर वेतन में बढ़ोतरी भी होगी.
  • सरकारी लाभ: स्थायी कर्मचारियों को पेंशन, ग्रेच्युटी, छुट्टियों जैसी सभी सरकारी सुविधाएं मिलेंगी.
  • बेहतर कार्य स्थिति: स्थायी बनने के बाद कर्मचारियों की काम करने की स्थिति में सुधार होगा और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.
  • करियर की संभावनाए: स्थायी कर्मचारी बनने के बाद उन्हें पदोन्नति और करियर में आगे बढ़ने के अच्छे मौके मिलेंगे.
  • सामाजिक सुरक्षा: स्थायी नौकरी से कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित रहेगा.

स्थायीकरण के लिए पात्रता और प्रक्रिया

कोंट्रैक्ट कर्मचारियों के स्थायीकरण के लिए कुछ पात्रता शर्तें और प्रक्रिया निर्धारित की गई है. ये शर्तें और प्रक्रिया राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकती है. इसमें निचे दी हुई बातें शामिल होती हैं:

पात्रता:

न्यूनतम सेवा अवधि (आमतौर पर 5-10 साल)
संतोषजनक कार्य प्रदर्शन
नियमित उपस्थिति
शैक्षणिक योग्यता
आयु सीमा (कुछ राज्यों में)

आवेदन प्रक्रिया: पात्र कर्मचारियों को निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होता है.

  1. दस्तावेज जमा: सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे शैक्षणिक प्रमाणपत्र, अनुभव प्रमाणपत्र आदि जमा करने होते है.
  2. सत्यापन: विभाग द्वारा दस्तावेजों और सेवा रिकॉर्ड का सत्यापन किया जाता है.
  3. परीक्षा/इंटरव्यू: कुछ राज्यों में लिखित परीक्षा या इंटरव्यू भी लिया जाता है.
  4. मेडिकल जांच: चयनित कर्मचारियों की मेडिकल जांच की जाती है.
  5. नियुक्ति आदेश: सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद नियुक्ति आदेश जारी किया जाता है.

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