Business Idea : आजकल युवा न सिर्फ अपने सपनों को साकार कर रहे हैं बल्कि अपने अ विचारों और कड़ी मेहनत से समाज को नई दिशा भी दे रहे है. कई युवाओं ने अपने पॅशनको बिजनेस में बदलकर न सिर्फ अपना सपना पूरा कर दिया है. बल्कि समाज को भी कुछ सिखने का मौका दिया है. आज हम आपको इन्हीं युवा उद्यमियों में से एक की प्रेरक कहानी बताने वाले है.
इस युवा ने अपनी क्रिएटिव आयडिया और और अनोखे विचार के साथ एक ऐसा बिजनेस शूरू किया है, जिसका आज सालाना टर्नओवर 70 लाख रुपये से अधिक है. उनके सफर में कई चुनौतियां आईं, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत, काबिलियत और आत्मविश्वास उन्हें यहां तक ले आया. आज ये युवक जैविक खेती की बदौलत खूब पैसा कमाता है. तो आइए उनके इतिहास और काम के बारे में और जानते है, इसलिए आर्टिकल के अंत तक जुड़े रहिए.
Village Business Idea
गुजरात के बनासकांटा जिले के रहने वाले भावेश पुरोहित ने बायोटेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया है. लेकिन उनका विचार हमेशा कुछ अलग करने का था. वह चाहते हैं कि उनके काम से न सिर्फ उन्हें सम्मान मिले बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी आए. इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए सही आयडिया की आवश्यकता थी.
पिता से मिली प्रेरणा
भावेश के पिता गाँव में नौकरी करते थे और वे अक्सर लोगों को गायों को लावारिस छोड़ देते देखते थे. इस दृश्य से भावेश को बहुत दुःख हुआ. जब उनके पिता उन्हें खलिहान में ले गए, तो वहां की स्थिति देखकर उनके मन में एक विचार आया: यदि गायें किसानों के लिए आर्थिक संपत्ति हैं, तो उन्हें कोई नहीं छोड़ेगा.
गौमूत्र में खोजा गया अनोखा बिजनेस आइडिया!
भावेश ने तीन साल तक व्यापक शोध किया और पाया कि गोमूत्र से जैविक खाद बनाने से न केवल कृषि में सुधार हो सकता है, बल्कि गरीब बेसहारा गायों की समस्या भी हल हो सकती है. इसी विचार को ध्यान में रखते हुए उन्होंने गोमूत्र से खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू की.
शुरुआत में थोड़ा सहयोग मिला
जब उन्होंने यह प्रोजेक्ट शुरू किया तो उन्हें किसानों का समर्थन नहीं मिला. भावेश दिन-रात गांव में जाकर किसानों से मिलते थे, लेकिन कोई भी उनका खाद को उपयोग नहीं करना चाहते थे. इस समस्या को हल करने के लिए उनके पास एक नया विचार आया, उन्होंने किसानों को प्रशिक्षण देना और उनके बीच जागरूकता बढ़ाने का काम शूरू किया.
किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाना
भावेश ने किसानों को जागरूक करने के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू किया. उन्होंने उन्हें जैविक खेती के फायदे और अपने खाद्य के फायदे बताए. जैसे ही किसानों को इस बात की जानकारी हुई, उन्होंने धीरे-धीरे अपने खाद्य का उपयोग करना शुरू कर दिया. इससे किसानों की बाजार के प्रति रुचि बढ़ गई .
एक साल में कमाएं 70 लाख
जैसे-जैसे किसान अधिक जागरूक होते गए, उन्हें एहसास हुआ कि उनके खाद का उनकी फसलों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. आज लगभग 500 किसान इसका खाद उपयोग करते है. इसके अलावा, भावेश ने अपनी खुद की कंपनी “धेनु प्रसाद” शुरू की, और वर्ष 2023-2024 के दौरान उनकी कंपनी का कुल कारोबार 70 लाख रुपये है. वर्तमान में, वे हर महीने 45,000 गायों का मूत्र इकट्ठा करते हैं, जिसे उपचारित करके खाद में बदल दिया जाता है.
भविष्य के लक्ष्य
भावेश का एक बड़ा लक्ष्य है, वह हर दिन 10,000 लीटर गोमूत्र इकट्ठा करने की योजना बना रहा है, जिसे वह संसाधित करके किसानों के खेतों तक पहुंचाने की उम्मीद करता है. उनका लक्ष्य जैविक खेती में क्रांति लाना है, खासकर ऐसे समय में जब कीटनाशकों का उपयोग बढ़ रहा है.