Aadhar Card: आधार कार्ड अब हर नागरिक के लिए एक जरूरी पहचान पत्र बन चुका है. चाहे स्कूल में दाखिला हो या सरकारी योजनाओं का लाभ लेना, हर जगह आधार कार्ड की जरूरत होती है. लेकिन अब इसमें एक नया बदलाव किया गया है, जो लोगों की प्राइवेसी से जुड़ा है. अब आधार कार्ड में पिता, पति या किसी अन्य रिश्तेदार का नाम ‘केयर ऑफ’ (C/O) के रूप में लिखा जाएगा, ताकि व्यक्तिगत रिश्तों की जानकारी गोपनीय रखी जा सके. यह नियम अब नए आधार कार्ड और अपडेट किए गए कार्ड पर लागू हो गया है, लेकिन इसकी आधिकारिक तारीख की जानकारी नहीं दी गई है.
क्या है नया बदलाव?
अब तक आधार कार्ड में शादीशुदा महिलाओं के लिए W/O (Wife Of) और बच्चों के लिए S/O (Son Of) लिखा जाता था, जिससे रिश्ते की पहचान आसानी से हो जाती थी. लेकिन नए नियमों के अनुसार, अब इनकी जगह C/O (Care Of) का इस्तेमाल किया जाएगा. इसका मतलब है कि अगर किसी महिला के आधार कार्ड में किसी पुरुष का नाम दर्ज है, तो यह नहीं बताया जाएगा कि वह व्यक्ति उसका पिता है या पति. इससे निजी रिश्तों की जानकारी गोपनीय रखने में मदद मिलेगी.
बदलाव का कारण
UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने यह बदलाव लोगों की निजता की सुरक्षा के लिए किया है. 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी की गोपनीयता पर जोर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी गोपनीय रहनी चाहिए. यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार है, जिससे लोगों की डेटा प्राइवेसी की सुरक्षा निश्चित की जा सके.
कैसे हुआ बदलाव का पता?
जागरण में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर रंधीर सिंह ने अपनी पत्नी के आधार कार्ड में पता अपडेट करवाया. पहले आधार में “Wife Of” लिखा हुआ था, लेकिन नए आधार कार्ड में इसे बदलकर “Care Of” कर दिया गया. इससे उन्हें बदलाव के बारे में पता चला. इसके बाद कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के प्रबंध निदेशक दिनेश त्यागी ने इस बात की पुष्टि की कि अब आधार कार्ड में “Wife Of”, “Son Of”, या “Daughter Of” के बजाय केवल “Care Of” लिखा जाएगा.
क्या इसके लिए कोई नाम दर्ज करना आवश्यक है?
CSC के एमडी दिनेश त्यागी के अनुसार, आधार में C/O का नाम देना जरूरी नहीं है. अगर कोई व्यक्ति चाहें, तो वे किसी का नाम नहीं भी दे सकते है. मतलब आधार कार्ड बनवाने के लिए सिर्फ अपना नाम और पता देना ही काफी है. इससे लोगों को यह सुविधा मिलेगी कि वे बिना किसी रिश्तेदार का नाम दिए अपने आधार कार्ड बना सकते है.
आधार की पहचान और गोपनीयता
आधार कार्ड में हर नागरिक को एक 12 अंकों का खास नंबर दिया जाता है, जो उसकी पहचान को अलग और खास बनाता है. इस नंबर के साथ फिंगरप्रिंट और आईरिस जैसे बायोमेट्रिक डेटा भी जुड़े होते हैं, जिससे व्यक्ति की पहचान की पुष्टि होती है. सरकार का मानना है कि यह 12 अंकों का नंबर पहचान के लिए काफी है, और इससे जुड़े रिश्तों का जिक्र करना जरूरी नहीं है.
बदलाव से फायदे:
- निजता की सुरक्षा: इस बदलाव से व्यक्तिगत रिश्तों की जानकारी सुरक्षित रहेगी, और आधार कार्ड पर किसी रिश्ते का जिक्र नहीं होगा.
- सरकारी योजनाओं में गोपनीयता: कई सरकारी योजनाओं में आधार का इस्तेमाल होता है. अब नागरिकों की पहचान करते समय रिश्तों की जानकारी की जरूरत नहीं पड़ेगी
- डेटा सुरक्षा बढ़ेगी:इस बदलाव से UIDAI लोगों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा को और मजबूत करेगा, जिससे उनकी गोपनीयता बनी रहेगी.
- यह बदलाव लोगों की निजता को ध्यान में रखकर किया गया है, जिससे आधार कार्ड का उपयोग और भी सुरक्षित हो जाएगा. UIDAI ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार उठाया है, जो नागरिकों के निजी संबंधों और पहचान की सुरक्षा को बहुत महत्वपूर्ण मानता है.
- इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य आधार को सरल और सुरक्षित बनाना है, ताकि लोग बिना किसी डर के इसे अपनी पहचान के लिए इस्तेमाल कर सके. अब आधार कार्ड धारकों के लिए यह जानना जरूरी है कि उनके आधार में रिश्तों की जानकारी नहीं होगी और यह पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा.