स्कोर को लेकर बनाए 5 नए नियम भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन लेने वाले जान ले ये नियम

भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई की तरफ से सिबिल स्कोर को लेकर एक बड़ा अपडेट जारी किया गया है। इसके तहत कहीं नियम बताए गए हैं। क्या डिस्को को लेकर बहुत सारी शिकायत आ रही थी। स्कोर को लेकर बनाए 5 नए नियम भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन लेने वाले जान ले ये नियम

जिसके बाद केंद्रीय बैंक के नियमों को सख्त किया है। इनके तहत केंद्रीय वीडियो में डाटा सुधार न होने की वजह भी बताने होगी और क्रेडिट वीडियो वेबसाइट पर शिकायतों की संख्या भी बताना जरूरी है। इसके अलावा अभी भारतीय रिजर्व बैंक में कई नियम बताया है।

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आरबीआई ने इस तरह के नियम लागू करने की चेतावनी दे दी थी। बता दे कि जब भी कोई ग्राहक लोन के लिए आवेदन करता है तो बैंक उसका सिबिल स्कोर चेक करते हैं। इसके तहत रिजर्व बैंक ने कुल पास नियम बनाए हैं। RBI New Rules For CIBIL Score 2024

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सिबिल स्कोर क्या है?

सिबिल स्कोर शब्द का इस्तेमाल अक्सर क्रेडिट स्कोर के पर्याय के रूप में किया जाता है।  300 से 900 के बीच के तीन अंकों दर्शाता है। सिविल का मतलब है क्रेडिट इनफॉरमेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड एक भारतीय क्रेडिट रेटिंग ब्यूरो है। जिसकी आपकी क्रेडिट जानकारी तक पहुंच है और जानकारी उन सभी वित्तीय लेनदेन का संदर्भित करती है। जहां आपने पैसा उधार लिए है या चुका है। एक अच्छा सिबिल स्कोर 700 से 900 के बीच का स्कोर होता है। जिसका अर्थ है कि उधार करता को कम ब्याज दर पर अधिक राशि मिलने की अधिक संभावना है। सिविल के पास लगभग 600 मिलियन लोगों की क्रेडिट जानकारी तक पहुंच है। वह इसके 2400 सदस्य हैं। जिनमें सभी प्रकार के डाटा शामिल है। क्योंकि सिविल भारत में सबसे भरोसमंद क्रेडिट सूचना कंपनियों में से एक है। इसीलिए इसके स्क्वायर को आपका क्रेडिट स्कोर कहा जाता है।

पहला नियम – ग्राहकों को देनी होगी कैडेट स्कोर सर्च करने की सूचना

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा और सुनिश्चित किया गया है। कि जब भी किसी भी बैंक बैंक वित्तीय संस्था या फिर एनबीएफसी द्वारा किसी का क्रेडिट स्कोर चेक किया जाएगा। तो उसकी जानकारी ग्राहक को अनिवार्य तौर पर देनी होगी जो की बैंक की वित्तीय संस्थाओं द्वारा ग्राहकों को कोई एसएमएस या मेल द्वारा दिया जा सकता है।

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दूसरा नियम – अब ग्राहकों को रिक्वेस्ट रिजेक्शन की वजह बतानी होगी

इसके अलावा साथ ही साथ आरबीआई ने नियम भी जारी किया है कि अब सभी बैंकों व वित्तीय संस्थानों को भी किसी भी ग्राहक द्वारा किए गए रिक्वेस्ट के हिस्से होने की वजह बैंक को वित्तीय संस्थानों को ग्राहक को अनिवार्य तौर पर रिक्वेस्ट रिजेक्शन के बारे में बताना चाहते हैं। ताकि ग्राहक आसानी से अपनी रिक्वेस्ट रिजेक्शन की वजह से जान सके और उसको सुधार सके।

तीसरा नियम – साल में एक बार ग्राहकों को देना होगा फुल क्रेडिट रिपोर्ट

इसके अलावा आपको बता दे कि भारतीय रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा नियम बताया गया है कि अब आप बैंक या वित्तीय संस्था को अपने ग्राहकों को साल में एक बार अनिवार्य तौर पर फूल की एडिट रिपोर्ट देना होगा। ताकि ग्राहक अपने क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट को जानते समझते हुए उसका लाभ प्राप्त कर सके।

चौथा नियम – किसी भी ग्राहक को डिफॉल्टरघोषित करने से पहले ग्राहक को सूचित करें?

इसके अलावा आपको बता देना चाहते हैं कि आरबीआई के नए नियम के मुताबिक अब किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा किसी भी ग्राहक को डिफॉल्टरघोषित किए जाने से पहले उसे ग्राहक को एसएमएस मेल भेज कर उसकी सूचना देनी होगी। दूसरी तरफ प्रत्येक लंदन देने वाली कंपनियां संस्था को नोडल ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगी।

पांचवा नियम – 30 दिनों के भीतर नहीं किया शिकायत का समाधान तो ₹100 प्रतिदिन का लगेगा जुर्माना

अंतिम नियम के तौर पर आपको बता दे कि आरबीआई ने कोई क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी है। अपने पास आई शिकायत का समाधान 30 दिन के भीतर नहीं करती है। तो प्रतिदिन ₹100 की दर से जुर्माना देना होगा। सभी लोन देने वाले संस्थानों का समस्या समाधान के लिए एक कि दोनों का समय मिलेगा और क्रेडिट को पूरे 9 दिन का समय मिलेगा।

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