PM Vishwakarma Tool Kit 2024: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) का मकसद भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को मजबूत बनाना है. यह योजना उन कारीगरों को वित्तीय सहायता, आधुनिक उपकरण, कौशल विकास और डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन देती है, जो अपने हाथों से काम करते हैं और पारंपरिक व्यवसायों में लगे है.
इस लेख में, हम नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा टूल किट (PM Vishwakarma Tool Kit) के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे.
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा टूल किट क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत, सरकार ने कारीगरों और शिल्पकारों को उनकी कामकाज में सुधार करने के लिए टूल किट देने का प्रावधान किया है. यह टूल किट उन कारीगरों के लिए है जो पारंपरिक व्यवसायों जैसे बढ़ई, लोहार, सोने का काम करने वाले, राजमिस्त्री, जूते बनाने वाले आदि में काम कर रहे है.
इस टूल किट का मुख्य उद्देश्य कारीगरों की उत्पादकता बढ़ाना और उन्हें आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित करना है, ताकि वे बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद बना सकें और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सके.
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत टूल किट पाने वाले लाभार्थियों को ई-वाउचर के जरिए 15,000 रुपये तक की सहायता मिलती है. यह राशि उन्हें कौशल प्रशिक्षण के शुरुआती चरण में दी जाती है, ताकि वे जरूरी उपकरण खरीद सके.
योजना की मुख्य विशेषताएँ:
- प्रारंभिक सहायता: टूल किट के लिए 15,000 रुपये तक की मदद.
- कौशल उन्नयन: बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग के साथ-साथ 500 रुपये प्रति दिन का भत्ता.
- क्रेडिट सपोर्ट: बिना किसी गारंटी के 3 लाख रुपये तक का ऋण.
- डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन: हर डिजिटल लेनदेन पर 1 रुपये की प्रोत्साहन राशि.
- मार्केटिंग सपोर्ट: उत्पाद प्रमाणीकरण, ब्रांडिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ने की सुविधा.
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभ
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कई लाभ दिए जाते हैं, जो इस प्रकार हैं:
मान्यता (Recognition):
इस योजना के अंतर्गत पारंपरिक कारीगरों को पहचान मिलती है. उन्हें PM Vishwakarma Certificate और एक विशेष आईडी कार्ड दिया जाता है. यह प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड उन्हें समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की पहचान दिलाने में मदद करते है.
कौशल उन्नयन (Skill Upgradation):
कारीगरों को बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वे अपने कौशल में सुधार कर सके. बेसिक ट्रेनिंग 5-7 दिनों की होती है, जबकि एडवांस ट्रेनिंग 15 दिनों या उससे अधिक समय की होती है. इस दौरान उन्हें हर दिन 500 रुपये का भत्ता भी मिलता है.
टूल किट प्रोत्साहन (Toolkit Incentive):
कारीगरों को आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए ई-वाउचर के रूप में 15,000 रुपये तक की मदद दी जाती है. यह राशि उन्हें बेसिक ट्रेनिंग शुरू होते ही मिल जाती है.
क्रेडिट सपोर्ट (Credit Support):
कारीगरों को बिना गारंटी के ऋण दिया जाता है. यह ऋण दो चरणों में उपलब्ध कराया जाता है:
1 लाख रुपये तक का ऋण, जिसे 18 महीनों में चुकाना होता है.
2 लाख रुपये तक का ऋण, जिसे 30 महीनों में चुकाना होता है.
इस ऋण पर ब्याज दर सिर्फ 5% होती है, और सरकार द्वारा ब्याज में सब्सिडी दी जाती है.
डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन (Incentive for Digital Transactions):
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए, सरकार प्रति डिजिटल लेनदेन पर 1 रुपये की प्रोत्साहन राशि देती है. यह प्रोत्साहन हर महीने अधिकतम 100 लेनदेन तक दिया जाता है.
मार्केटिंग सपोर्ट (Marketing Support):
इस योजना के तहत कारीगरों को उनके उत्पादों की मार्केटिंग में मदद की जाती है. इसमें गुणवत्ता प्रमाणीकरण, ब्रांडिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे GeM पर जुड़ने की सुविधा शामिल है.
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा टूल किट कैसे प्राप्त करें?
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत टूल किट पाने की प्रक्रिया आसान और सुविधाजनक है.
- रजिस्ट्रेशन: लाभार्थियों को Common Service Centers (CSC) पर जाकर आधार के जरिए बायोमेट्रिक सत्यापन कराना होता है.
- वेरिफिकेशन (Verification): पंजीकरण के बाद, ग्राम पंचायत या शहरी स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन किया जाता है.
- स्वीकृति:जिला कार्यान्वयन समिति आवेदन की समीक्षा कर उसे अंतिम स्वीकृति देती है.
- टूल किट वितरण (Toolkit Distribution): स्वीकृति मिलने पर लाभार्थियों को ई-वाउचर दिए जाते हैं, जिनके जरिए वे आवश्यक उपकरण खरीद सकते है.